तंत्र-पदार्थवाद*अध्यासत्मंवाद---


इंद्रधनुष प्रतीक है पृथ्‍वी को आकाश से जोड़ देने का। मैं पृथ्‍वी के भी प्रेम में हूँ और आकाश के भी प्रेम में। मैं पदार्थ के भी प्रेम में हूँ और परमात्‍मा के भी प्रेम में। मैं प्रेम के सेतु से परमात्‍मा और पदार्थ को जोड़ देना चाहता हॅूं। मैं पदार्थवादी ही नहीं हूँ, मैं अध्‍यात्‍मवादी ही नहीं हूं, मैं दोनों एक साथ हूं, अगर तुम समझ सको पदार्थवाद*अध्‍यात्‍मवाद। तो तुम तंत्र को समझ लोगे। और जो तंत्र को समझेगा, वही मुझे समझ सकता है।

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